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पर्व बने नर्क ~ हरिओम ' भारतीय ' बरौर । आज साहित्य

अक्तूबर 26, 2021
  शीर्षक - पर्व बने नर्क अरमान असीमित अंतर्मन में, अबकी अंधियार भगाऊँगा । गाँव , मोहल्ले , चौबारों में , घी के दिए जलाऊंगा । पर सत्य नही है ...Read More

पिया तेरे नाम - कवि अरुण चक्रवर्ती । आज साहित्य

अक्तूबर 25, 2021
  शीर्षक -  पिया तेरे नाम पिया तेरे  नाम से  ही मैं  सजती सबरतीं हूँ तेरे ही नाम का मैं सदा हर श्रृंगार  करती हूँ   तू ही मिले हर  जन्म में ...Read More

स्वररचित रचना इनायत - सर्वेश शर्मा । आज साहित्य

अक्तूबर 24, 2021
  स्वरचित रचना --  इनायत  हवा ने हाले दिल वता दिया हमारा अब इनायत करो यां शिकायत करो इश्क जिस्मानी नहीं,हो रूह से सदा तुम रूह से स्वीकार करो...Read More

रचना- खिलाड़ियों के उत्साह वर्धन हेतु... कवि विशाल श्रीवास्तव । आज साहित्य

अक्तूबर 24, 2021
  रचना- खिलाड़ियों के उत्साह वर्धन हेतु...   भारत_पाकिस्तान_टी_20_वर्ल्ड_कप इस बार निराले रहेंगे,  हिंदुस्तान के ठाठ. टी 20 वर्ल्ड कप के,  क...Read More

कागजी फ़ूलो मे खुशबू का कोई झोंका नही - अतिया नूर । आज साहित्य

अक्तूबर 20, 2021
  ग़ज़ल कागज़ी फूलों में ख़ुशबू का कोई झोंका नहीं ख़ौफ़ मुरझाने का भी इनको मगर होता नहीं। लोग कहते हैं कोई भी आपके जैसा नहीं क्या सिवा मेरे किसी क...Read More
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