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वापस आ जाना - अंकुर सिंह । आज साहित्य


 रचना शीर्षक- वापस आ जाना


मेरे बिन जब रहा न जाएं,

जुदाई मुझसे सहा न जाएं।

भूल  हमारी  तू- तू, मैं- मैं,

एक आवाज लगाके जाना।।


दिल में लिए मिलन की चाह,

अपनी तड़प दिखाऊं किसको।

बिन  तुम  मेरी  रजनी  कैसी,

अपनी व्यथा सुनाऊं किसको।।


तोड़ मौन भरी अपनी चुप्पी,

नेह के दो शब्द कह जाना।

सुध तुम्हे मेरी यदि आ जाएं,

लौट  तुम वापस आ जाना।।


सुनो, तेरी यादों में हरपल,

नीर बहाती मेरी अखियां।

चूक मेरी या दूजी बातें,

निसंकोच तुम कहो कृपया।।


गर कुछ चूक हुई है मुझसे,

अबोध समझ बिसरा देना।

गर  मेरी  चाह  तुम्हे  भी,

लौट तुम वापस आ जाना।।


लेखक- अंकुर सिंह

हरदासीपुर, चंदवक 

जौनपुर, उ. प्र. -222129.

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