शराफत ही उसकी बन गई आफत - गुरुदीन वर्मा । आज साहित्य
शीर्षक- शराफत ही उसकी बन गई आफत
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जमाने को उसने दिखाई शराफत ।
शराफत ही उसकी बन गई आफत ।।
जमाने को उसने ----------------------।
समझ अपना घर वह , उस घर गया था ।
अपना समझ उसको , इशारा किया था ।।
उसे क्या पता, वहाँ कदर नहीं मोहब्बत की ।
हुआ बदनाम वहाँ वह , क्या जुल्म किया था ।।
समझा उसने जिसको , घर की अमानत ।
अमानत ही यह एक , बन गई कयामत ।।
जमाने को उसने -----------------------।
बहुत प्यार था उसको, उस सूरत से ।
फिदा जान से था वह , उस सूरत पे ।।
उसके लिए उसने , क्या नहीं किया था।
लुटाई थी खुशियां उसने , उस सूरत पे ।।
बचाने को दामन , दी थी नसीहत ।
नसीहत ही यह उसकी , बन गई मुसीबत ।।
जमाने को उसने -------------------।।
रचनाकार & लेखक - गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
पता - पिण्डवाड़ा , जिला- सिरोही(राजस्थान)
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