पूछते है क्यों हमसे बात वही - गुरुदीन वर्मा । आज साहित्य
शीर्षक - पूछते है क्यों हमसे बात वही
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पूछते हैं क्यों, हमसे बात वही ।
बात कहते मगर, हमको डर है यही ।।
बात सुनकर वो, नाराज हो जायेंगे ।
वो महफिल से उठकर , चले जायेंगे ।।
पूछते हैं क्यों ----------------------------।।
मिलते है लोग, ऐसे भी हमको यहाँ।
उनसे बचकर हम ,जाये भी तो कहाँ।।
आग दिल में वो,ऐसी लगा देते हैं ।
नींद में भी वो, हमको जगा देते हैं ।।
रहने दो राज को ,तुम राज ही ।
वरना सुनकर , बेइज्जत हो जायेंगे ।।
वो महफिल से उठकर, चले जायेंगे ।।
पूछते हैं क्यों -------------------------।।
मैं सुनाता हूँ तुमको, कहानी वह अब ।
बहुत बेदर्दी है जिन्दगानी, वह अब ।।
प्यार था हमको जिससे ,सच्चा यहाँ ।
तुम्ही थे मेरे दुश्मन , उसमें यहाँ ।।
लग रहा होगा कड़वा , सभी को यह सच ।
और कहूंगा तो तुम , होश खो बैठेंगे ।।
वो महफिल से उठकर , चले जायेंगे ।।
पूछते हैं क्यों ----------------------------।।
रचनाकार एवम लेखक - गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
पता - पिण्डवाड़ा , जिला - सिरोही(राजस्थान)
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