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कागजी फ़ूलो मे खुशबू का कोई झोंका नही - अतिया नूर । आज साहित्य

अक्तूबर 20, 2021
  ग़ज़ल कागज़ी फूलों में ख़ुशबू का कोई झोंका नहीं ख़ौफ़ मुरझाने का भी इनको मगर होता नहीं। लोग कहते हैं कोई भी आपके जैसा नहीं क्या सिवा मेरे किसी क...Read More

तुम मिलोगी मुझे - कवि विशाल श्रीवास्तव । आज साहित्य

अक्तूबर 18, 2021
  नज्म / गजल शीर्षक - तुम मिलोगी मुझे......  न शायर मैं बन पाया,  मिली न शायरी मुझको. लिखीं बातें तेरी मेरी,  मिली न डायरी मुझको. कहूँ किस ह...Read More
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