शराफत ही उसकी बन गई आफत - गुरुदीन वर्मा । आज साहित्य अक्टूबर 26, 2021शीर्षक- शराफत ही उसकी बन गई आफत ----------------------------------------------- जमाने को उसने दिखाई शराफत । शराफत ही उसकी बन गई आफत ।। जमाने...Read More
कागजी फ़ूलो मे खुशबू का कोई झोंका नही - अतिया नूर । आज साहित्य अक्टूबर 20, 2021 ग़ज़ल कागज़ी फूलों में ख़ुशबू का कोई झोंका नहीं ख़ौफ़ मुरझाने का भी इनको मगर होता नहीं। लोग कहते हैं कोई भी आपके जैसा नहीं क्या सिवा मेरे किसी क...Read More
अपना घर - शुभम पाण्डेय । आज साहित्य अक्टूबर 19, 2021 [रचना शीर्षक- अपना घर] एक कल्पनाओं का शहर , सुंदर जिसमें अपना घर चहके इतराए बलखाए झूमे नाचे गाए हम । एक कल्पनाओं का शहर , सुंदर जिसमें अप...Read More
तुम मिलोगी मुझे - कवि विशाल श्रीवास्तव । आज साहित्य अक्टूबर 18, 2021 नज्म / गजल शीर्षक - तुम मिलोगी मुझे...... न शायर मैं बन पाया, मिली न शायरी मुझको. लिखीं बातें तेरी मेरी, मिली न डायरी मुझको. कहूँ किस ह...Read More