सुनहरी यादें- सर्वेश शर्मा । Aaj Sahitya अक्टूबर 23, 2021 रचना शीर्षक :- सुनहरी यादें दोपहर की धूप में,हम कभी साथ नंगे पांव,घूमते थे, सावन की वरसात में हाथ पकड़ें, हर वक्त भीगते थे कभी खाते थे अम्...Read More
नज्म ( मै कहाँ हुँ ) - सर्वेश शर्मा | आज साहित्य अक्टूबर 17, 2021 नज्म शीर्षक :- मैं कहां हूं इक जहर था जो शहर में काम कर गया खुद से मिले हुऐ भी,जमाना गुजर गया हवा कुछ चली इस कद्र, जो मेरे शहर में हर तरफ ...Read More