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आतंकवाद को जड़ से मिटा दो - गुरुदीन वर्मा । आज साहित्य

 

शीर्षक - आतंकवाद को जड़ से मिटा दो 

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होगी खत्म कब , ऐसी मौतें ।

देखेंगे कब तक ,ये मौतें ।।

कोख किसी की , सूनी होते।

माथे का सिंदूर,यूँ मिटते ।।

नामो निशां अब, उसका मिटा दो ।

आतंकवाद को , जड़ से मिटा दो ।।

पाकिस्तान को , सबक सिखा दो ।।


अब ना अनाथ हो , कोई बच्चा ।

ना रहे अधूरी , बहिन की इच्छा ।।

बुढ़ापे का सहारा , मिटे नहीं ।

चिता वीरों की , ऐसे जले नहीं ।।

आतंकवाद को , जड़ से मिटा दो ।

पाकिस्तान को , सबक सिखा दो ।।


अश्क बहे नहीं , जिन आंखों से ।

देखकर ऐसे, वीरों की लाशों पे ।।

देशभक्त वो , हो नहीं सकता ।

हिंदुस्तानी वह , हो नहीं सकता ।।

बेकार न जाये , वीरों की कुर्बानी ।

जागो अब तो , हिंदुस्तानी ।।

आतंकवाद को , जड़ से मिटा दो ।

पाकिस्तान को , सबक सिखा दो ।।


रचनाकार - गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद , 

पता :- पिण्डवाड़ा , जिला- सिरोही(राजस्थान)

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