नेहा यादव की 25+ रचनाएं और अच्छे विचार । सकारात्मक सोच
दोस्तों आपको यहां पर कुछ छोटी रचनाएं और कुछ अच्छे विचार दिए गए है जो आपको पसंद आयेंगे और आप अन्य लोगों के साथ इसे शेयर करेंगे । बढ़ते युवाओं की पीढ़ी इस कविताओं और रचनाओं को दुनिया में खो रही है । यहां पर लेखिका यहां नेहा यादव ( Neha Yadav ) द्वारा लिखी गई पंक्तियां / रचनाएं आपके सामने प्रस्तुत कर रहे है । Neha Yadav नई पीढ़ी की लेखिका है । जिसको केवल आप हमारे ब्लॉग पर पढ़ सकते है । उनकी Positive Thoughts ही उनके आगे बढ़ने का हिस्सा है ।
1
कीलें लगवा दो उस दहलीज़ पर
जहां की नींव नफ़रत से भरी हो।
-नेहा यादव
2
जुबान ख़ामोश, पर
दिल में शोर बहुत है।
~ नेहा
3
सबसे कठिन जीवन
बिना गलती के
सज़ा पाने वाला होता है
जिसमें स्त्री हमेशा दोषी पाई जाती है
और पुरुष कुंठा से भरा हुआ।
-नेहा यादव
4
आंखों में बसते हो
अश्क़ बन बरसते हो
नींदों में गुम हो जाते हो
ख़्यालों के हो जाते हो
सचमुच!
तुम ख़्वाब ही तो हो..!
-नेहा यादव
5
हर किसी की अपनी-अपनी कहानी है
समझो तो दर्द ना समझो तो पानी है..!
-नेहा यादव
6
जो गुज़र गया वो वक़्त था
जो आज है वो हक़ीक़त
और कल तो किसने ही देखा है
इस ज़िंदगी की
कहानी कही हो या अनकही
फ़र्क नहीं पड़ता
जिस्म ने झेली
मन ने बर्दाश्त किया
इससे अधिक और ख़ाक क्या होगा.!
~ नेहा यादव
7
हर विपत्ति को ख़त्म करने के
प्रयत्न में हमेशा लगा रहता है
उसके हिस्से सिर्फ खारापन बचता है
मगर फिर भी वो खुश है
बच्चों की मुस्कुराहट देखकर
ऐसा तो केवल पिता ही होता है।
-नेहा यादव
8
कोई हिस्सा होता
बचने बचाने को तो सोचा जाता
अब तो तुम ख़्वाबों से भी
निकाले जा चुके हो
तुम्हारा होना गैरियत है
नज़रों से उतरने वाले लोग
वापिस दिल में नहीं समाते
भर तो जाएं कभी आंखों में
पर केवल अश्क़ बन के रह जाते हैं
फिर कभी अपने नहीं बन पाते..!
-नेहा यादव
9
कृष्णा के प्राणों से प्यारी
राधारमण वृषभानु दुलारी
वंदन करते हम सब निर्धन
दया करो मेरी माँ कल्याणी
शरण में रख लो भक्ति भर दो
लाज रखो मेरी माँ महारानी
चित्त की चिंता दूर करो
दयानिधि वृषभानु दुलारी..!
-नेहा यादव
10
ऐ वक़्त! ठहर ज़रा
कुछ हिसाब लेना है तुझसे
बीते गुज़रे दिनों में बता
क्या क्या दिया है मुझे
दुःख,दर्द,आंसू
और बेबसी के सिवा..!
-नेहा यादव
11
चंचलता एक हिस्से में बचा के रखा
ताकि प्रेम के हिस्से मैं आ सकूँ पूरा-पूरा..!
-नेहा यादव
12
दर्द में सिमटी है ज़िंदगी
तो मन की खिड़की
खोल के देखते हैं
एक झोंका तो ऐसा आएगा
जो मुस्कुराहट साथ लाएगा..!
-नेहा यादव
13
जो वक़्त उम्मीदें देता है
वो भ्रामक है
इसे स्वीकारा जाना चाहिए..!
-नेहा यादव
14
कुछ आदतें अच्छी होती हैं
जैसे कि मेरा मैं हो जाना..
मैं होने के बाद
सब्र समझौता सहनशीलता
सारी ऊर्जा एकत्रित होने लगती है..!
-नेहा यादव
15
माँ से अधिक संघर्षशील
माँ से अधिक सहनशील
माँ से अधिक दृढ़ इंसान
आजतक नहीं देखा मैंने..
जाने कितनी भुजाएं हैं इसकी
हर लक्ष्य का भेद कर देती है
केवल अपने धैर्य से..!
-नेहा यादव
16
फ़ासले थोड़ा रखा करिए
लोग अदब दिखाकर
तबाह करते हैं
मुँह पर तो अच्छे बनते
पीठ पीछे वार करते हैं..।
-नेहा यादव
17
ख़ुद को
टटोला जाना चाहिए
ताकि पता लग सके
करुणा और मधुरता
कितनी बची है..!
~ नेहा यादव
18
फ़ासले थोड़ा रखा करिए
लोग अदब दिखाकर
तबाह करते हैं
मुँह पर तो अच्छे बनते
पीठ पीछे वार करते हैं..।
-नेहा यादव
19
परिस्थितियां ख़िलाफ़ हो
तो ख़ास अपने क्या
ज़िंदगी भी रूठ ही जाती है
रूठे हुए को मनाने से अच्छा है
ख़ुद को मजबूत बनाया जाए
अपनों से तो नहीं पर हां!
हालातों से लड़ा जा सके..!
-नेहा यादव
20
जिस राह पर चलूं
वो रास्ता इंसानियत का हो
ऐ खुदा मेरे!
मुझे ऐसी बख़्शिश देना
जिसमें दुआ भी तेरी
रज़ा भी तेरी
और मेहर भी तेरी हो..।
-नेहा यादव
21
मिलावटी रिश्तों का
वजूद सिर्फ इतना ही है
जो दिखेगा
वो अपनाया जाए
बाक़ी अहमियत को
ठुकराया जाए
बराबर की उपाधि देकर
दिलों को जलाया जाए..
पर बात जब स्वाभिमान की हो
तो हमेशा के लिए
ऐसे रिश्तों को दफ़नाया जाए..!
-नेहा यादव
22
हिंदी हमारे भावों का
प्राथमिक जोड़ है
जो शब्दों में सज कर
करुणा से भर देता है..!
हिंदी हमारी शान भी है और जान भी..!
-नेहा यादव
23
उम्र निकलती गयी
हम उलझते गए
सुलझाने बैठे तो भी
कुछ न सुलझा पाए
उलझनों में इतने फंसे रहें
कि हँसने-रोने तक का
आभास नहीं हुआ
केवल संवेदनाएं बची रहीं
बस यही तो चाहिए था
अपने हिस्से में..!
-नेहा यादव
24
रूप,रंग,निखार नहीं
जीवन है
व्यापार नहीं
आत्म जिसमें रम जाए
वो प्रेम है
व्यवहार नहीं.!
-नेहा यादव
25
जिन्हें लगा की
अपने हिस्से प्रेम नहीं आया
उन्होंने प्रेम किया ही नहीं
बस उम्मीद करते रहें दुनिया से.!
-नेहा यादव
26
राह कठिन है
फिर भी चलना है
ठोकरें लगे भी तो
गिर के संभलना भी है
रास्तों के मुसाफ़िर हैं हम
मंज़िल पाने के मौज़ में
सफ़र करते नहीं
तक़दीर की लिखावट को
वक़्त पर बदलना भी है..!
-नेहा यादव
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