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रहे सबका सलामत सुहाग - गुरुदीन वर्मा । आज साहित्य

 

शीर्षक -- रहे सबका सलामत सुहाग            

         (करवा चौथ विशेष)

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रहे सबका सलामत सुहाग।

हे माँ, तुमसे यही है मेरी मांग ।।

सोचकर यही रखा है व्रत ।

रहे सलामत बिंदिया और मांग ।।

रहे सबका सलामत ---------------।


सबके आँगन में खुशियां सदा हो ।

फूल बगियाँ में महके सदा हो ।।

रखना सब पे दया यह आशीर्वाद ।

हे माँ, तुमसे यही है मेरी मांग ।।

रहे सबका सलामत -----------------।।


हर सुहागिन को वरदान देना ।

झोली सबकी सितारों से भरना ।।

रखना हर सुहागिन का घर आबाद ।

हे माँ, तुमसे यही है मेरी मांग ।।

रहे सबका सलामत ------------------।।


रक्षा करना तु उनके सिंदूर की ।

रक्षा जो कर रहे हैं इस देश की ।।

रहे रोशन उन नारियों के माहताब ।

हे माँ , तुमसे यही है मेरी मांग ।।

रहे सबका सलामत -------------------।।


         रचनाकार एवम लेखक -

  गुरुदीन वर्मा उर्फ जी. आज़ाद 


पता - पिण्डवाड़ा , जिला- सिरोही (राजस्थान)


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