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चुटकी में समाये रिश्ते : डॉक्टर महिमा सिंह । आज साहित्य

अगस्त 29, 2022
  चुटकी में समाये रिश्ते। एक कप चाय, एक चुटकी हौसला, घोलती है रिश्तो में अनोखी  सी मिठास। मिठास हैं श्रृंगार हर रिश्ते का , हर रिश्ता चाहे ब...Read More

रचना ( धरती के भगवान ) : डॉक्टर महिमा सिंह । आज साहित्य

अगस्त 29, 2022
  धरती के भगवान यही लक्ष्य हो यही  परम धर्म हो  करो वंदन धरा  के इन देवो का । पहन इनके आशीष का कवच  रहो निर्भय  है !अगर इनका आशीष हस्त तेरे ...Read More

रचना ( चांद ) : डॉक्टर महिमा सिंह । आज साहित्य

अगस्त 29, 2022
  चांद चांद भटकता क्यूं रहता हैं, रुक क्यों नहीं जाता रात के आगोश में, बादलों के झुरमुट में, तलाश में रहता है रहबर की  जो वादा करके आने का ब...Read More

कविता ( स्त्री ) : गुंजन गुप्ता । आज साहित्य

अगस्त 28, 2022
  स्त्री लोग पूजते देवी को पूजन अर्चन करते आरती  ध्वजा नारियल भोग लगाते श्रद्धा से नतमस्तक होते॥ एकाकी युवती देख असुर नरभक्षी बन जाते हैं ला...Read More
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