चाहने लगा हू तुझे जब से - शायर बाबर | आज साहित्य अक्टूबर 17, 2021नज्म / गजल / शायरी - चाहने लगा हु तुझे जबसे मैं मेरे पिछे सारा जमाना परा है एक तुझको अपना बनाने के खातिर दुशमनो को अपना बनाना...Read More
दहेज की लालच एक बीमारी है - शायर बाबर , बहुआरा बुजुर्ग | Aaj Sahitya अक्टूबर 11, 2021 रचना शीर्षक - दहेज की लालच एक बीमारी है बेटिया ही जीनत है घर की बेटीया हीं घर की रानी है कर रहा हूं जो मैं हक्क बात बया ना स...Read More