करवा चौथ - कवि विशाल श्रीवास्तव । आज साहित्य
रचना शीर्षक- करवा चौथ
पुराने खण्डहर के पीछे
वो उसका इंतजार करेगी
और वो जाएगा,
कुछ इस तरह से करवा चौथ,
मेरा यार मनाएगा.
दिलों में एक दूसरे के,
दोनों हैं समाए,
तभी तो तोहफे में,
दोनों ही कुछ साथ लाए.
चांद जैसी अप्सरा वो,
आई चुपके से वहाँ,
मुंह मीठा कराने,
मिष्ठान लाई वहाँ.
है दुआ ईश्वर से मेरी,
प्यार उनका हो अमर.
संग संग जीवन बिताएं,
न लगे उनको नजर.
- कवि विशाल श्रीवास्तव
बहुत ही अच्छा साहित्यिक मंच
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