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कल प्रेम कवि से होगा , राष्ट्रहित मे बिजली बचाएँ- कवि विशाल श्रीवास्तव | Aaj Sahitya

रचना शीर्षक - राष्ट्रहित में बिजली बचाएं 


बिना वजह न बल्ब जलाएं.

मौसम हो ठंडा तो पंखा न चलाएं.

आओ मिलकर सजगता से, 

राष्ट्रहित में बिजली बचाएं.


दिन में रखें बाहर के बल्ब बंद.

कुछ उपकरणों की गति रखें मंद.

पहुँचे अंधेरे घरों में बिजली, 

चारो ओर हो मधुर सुगंध.


स्वयं सजग हो बिजली बचाएं.

जन जन तक संदेश पंहुचाएं.

जागरूक हों हम सब साथी, 

राष्ट्रहित में बिजली बचाएं.


कवि विशाल श्रीवास्तव 

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रचना शीर्षक - कल प्रेम कवि से होगा.....

 

है आज ईर्ष्या उनके मन, 

कल प्रेम भाव, 

कवि के प्रति होगा.


बस अंग्रेजी के गुण गाते जो, 

कल सच्चा प्यार, 

हिंदी से होगा.


आज लिखने वालों जान लो ये, 

कल आसमान, 

हमारे कदमों में होगा.


जो हंसी उड़ाता है, 

नव कवि कविता की, 

वो भी कल हमारा प्रसंशक होगा.


- कवि विशाल श्रीवास्तव

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