कवि विशाल श्रीवास्तव की रचनाएँ दिल की बात और हाल ए दिल | Aaj Sahitya
यह दोनो रचनाएँ युवा लेखक कवि विशाल श्रीवास्तव द्वारा लिखित है उम्मीद है आपको नए लेखक की रचनाएँ पसंद आयेंगी ।
रचना- दिल की बात
कब तक,
मेरे कहने का इंतजार करोगी,
तुम ही कह दो ना कि,
मुझको तुमसे प्यार है.
दिल में हूँ मैं तुम्हारे,
ये जानते हैं दोनों,
मौसम भी सही है,
आज ठण्डी बहार है.
मत बढाओ बोझ दिल पे,
दिल तो ये हमारा भी है,
कह दो दिल की बात,
मुझे तुमसे प्यार है.
- कवि विशाल श्रीवास्तव
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रचना - हाल ए दिल
न मेरी औकात है कुछ देने की,
मैं आजकल भूखों से रोटी मांगता हूँ.
अब तो पल पल आ रही हैं मुसीबतें,
छोटे छोटे कदमों से उन्हें मैं नांगता हूँ.
दिल की बात न करो तो अच्छा है,
दिल के टुकड़ों को सुई से टांकता हूँ.
कल तक जमाना जिनको मेरा कहता था,
आज मैं उनसे दुहाई मांगता हूँ.
अब तो है एक ही सहारा राम का,
खूंटी पर राम की तस्वीर टांगता हूँ.
जो भी चाहिए मुझे गैरों से अब कहता नहीं,
राम की शरण में आया राम से ही मांगता हूँ.
कवि विशाल श्रीवास्तव
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