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माँ की पूजा - कवि विशाल श्रीवास्तव | आज साहित्य

 

 यह रचना कवि विशाल श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई , निम्न रचना के लिये कवि विशाल श्रीवास्तवजी का आज साहित्य की ओर से आभार ।


रचना - माँ की पूजा 


माँ की सेवा में ही, 

माँ की सच्ची पूजा है.

माँ के चेहरे पर हो मुस्कान, 

सफल तभी माँ की पूजा है.


माँ के दिल को सुकूँ हो तुमसे, 

माँ के साथ बिताओ पल. 

माँ से प्यार से बात करोगे, 

पाओगे सौ भजनों का फल. 


माँ को मिष्ठान चढ़ाओ मेवे, 

माँ को प्रेम से खिला देना.

श्रृद्धा से चढ़ाओ मूर्ति पर जल, 

माँ को पानी पिला देना.


सबको नहीं मिलती माँ-ममता, 

हैं माँ तो सम्मान करो.

नवरात्रि पर माँ के साथ मिल, 

माँ की महिमा का गुणगान करो.


- कवि विशाल श्रीवास्तव

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